Saturday, April 27th, 2024

UGC की सिफारिश से परीक्षा और प्रवेश कराना मुश्किल, अब एमएचआरडी के आदेश का इंतजार

भोपाल
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंगलवार को देशभर के विश्वविद्यालय और कालेजों की परीक्षाएं कराने की एडवाईजरी जारी की है। इसमें परीक्षा और प्रवेश कराने एक-एक माह का समय दिया गया है। इतने कम समय में दोनों कार्य होना मुश्किल है। इसलिए अब प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा विभाग को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) से आदेश आने का इंतजार है।

कोरोना के संक्रमण को देखते हुए यूजीसी ने परीक्षा, रिजल्ट और प्रवेश कराने एडवाईजरी की है। ये एडवाईजरी प्रदेश के विवि के मापदंडों पर खरी नहीं उतर रही है। यूजीसी के तहत एक से 31 जुलाई तक यूजी और पीजी की परीक्षाएं कराना है। एक से 15 जुलाई तक अंतिम वर्ष और सेमेस्टर की परीक्षा और 16 जुलाई से 30 जुलाई तक प्रथम और द्वितीय वर्ष व समेस्टर की परीक्षा कराना है। इतने कम समय में प्रदेश के सभी पारंपरिक विवि वर्तमान में प्रवेशित करीब बीस लाख विद्यार्थियों की परीक्षाएं नहीं करा सकते हैं। इसके बाद विवि को 31 जुलाई तक अंतिम वर्ष और सेमेस्टर तथा प्रथम और द्वितीय वर्ष के रिजल्ट 14 अगस्त तक रिजल्ट जारी करना है। इतने कम समय में प्रोफेसर उक्त विद्यार्थियों का मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं।

कैसे होंगे दस लाख सीटों पर प्रवेश
उच्च शिक्षा विभाग को प्रदेश के निजी और सरकारी 1405 कालेजों की यूजी और पीजी की करीब सात लाख सीटों पर प्रवेश कराना होता है। यूजीसी की एडवाईजरी के मुताबिक विभाग को आगामी सत्र में एक से 31 अगस्त तक प्रवेश कराना होंगे। जबकि गत वर्ष तीन माह काउंसलिंग कराने के बाद विभाग पांच लाख 35 हजार सीटों पर प्रवेश करा सका था। इतने कम समय में विभाग अपनी 25 फीसदी सीटों पर ही प्रवेश करा पाएगा। इससे कई विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह जाएंगे।

यूजीसी की कमेटी पर उठे सवाल
यूजीसी एडवाईजरी एक दर्जन कुलपतियों ने तैयार की है। सभी कुलपति एक कैंपस में संचालित विवि में कार्यरत हैं, जहां कुछ हजार विद्यार्थी ही अध्ययनरत होते हैं। इसलिए वे जमीनी स्थिति से अवगत नहीं हैं। एडवाईजारी को लेकर प्रदेश के कुलपतियों और रजिस्ट्रार ने आपत्ति ली है। उनका कहना है कि मप्र में हरेक विवि में एक से साढ़े तीन लाख विद्यार्थी प्रवेशरत हैं। इसलिए यूजीसी एडवाईजरी मप्र में लागू नहीं हो सकती। 15-15 दिनों लाखों विद्यार्थियों की परीक्षाएं नहीं हो सकती है। संसाधनों के अभाव में आनलाइन परीक्षाएं तक नहीं कर सकते हैं। इसलिए प्रदेश के विवि को अब परीक्षा और प्रवेश कराने के लिए एमएचआरडी के आदेशों का इंतजार है। ये आदेश इस सप्ताह तक जारी हो सकते हैं। इसके बाद परीक्षा के इंतजाम किए जाएंगे।

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